डिजिटल क्रांति का एक चेहरा महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला है। महाराष्ट्र के वही इलाके जो किसानों की आत्महत्या के लिए बीते कुछ सालों में सुर्खियों में रहे हैं। महाराष्ट्र के इसी इलाके के एक गांव के किसान सूचना क्रांति का इस्तेमाल अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए कर रहे हैं। वो सभी Whatsapp के एक ग्रुप पर साथ आ गए हैं और इस ग्रुप का नाम रखा है बालीराजा। इंजीनियरिंग के एक छात्र अनिल बंदावाने ने ये ग्रुप बनाया है और वो ख़ुद भी नौकरी छोड़ खेती में ही उतर आए हैं। किसान कॉल सेंटर्स की नाकामी से नाखुश ये किसान अब Whatsapp पर अपनी समस्याएं साझा करते हैं और उनका हल ढूंढते हैं।