डेटॉल के प्रतिनिधि ओमप्रकाश ने कहा कि हम पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में डायरीया की पहचान करके उन्हें पास के किसी चिकित्सालय पर उपचार के लिए भेजते हैं. साथ ही हम उन्हें 250 रुपए का एक कूपन भी देते हैं जिससे उन्हें आने और जाने में मदद मिल सके और वह सही जगह जाकर अपना इलाज कर सकें.