मध्य प्रदेश में घोटालेबाज बच्चियों का राशन भी खा गए. राज्य के कुछ जिलों में उन बच्चियों को कागज पर राशन बांटा जा रहा था, जो किसी सूची में थे ही नहीं. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने इस घोटाले को पकड़ा है. कैग रिपोर्ट बताती है कि राज्य में जिन 2 लाख 8 हजार से ज्यादा बच्चियों का अस्तित्व ही नहीं है, लेकिन उनमें से 1 लाख 71 हजार से ज्यादा बच्चियों को कागजों पर ही राशन बांट दिया गया है. ये घोटाला 60 करोड़ से ज्यादा का बताया जाता है. सरकार ने ये बताया कि स्कूल न जाने वाले इन बच्चों को आंगनवाड़ी के जरिये भोजन दिया जाता है. जब आयोग ने लेखा परीक्षण विभाग से जांच कराने को कहा तो सच्चाई सामने आ गई. अभी 4 जिलों में ही यह जांच हुई है और सारे 52 जिलों में पड़ताल के बाद घोटाला और बड़ा हो सकता है.