8 नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद मोदी अचानक टीवी पर आए तो किसी को अंदाज़ा नहीं था कि क्या कहने वाले हैं. पता चला कि 500 और 1000 के नोट अवैध घोषित कर दिए गए हैं और इन नोटों को अब बैकों में जाकर बदलवाना होगा. चारों तरफ जो अफरा तफरी मची वो आप जानते हैं. तब बहुतों ने सोचा कि शायद काला धन समाप्त हो जाएगा. प्रधानमंत्री का भाषण इतना भावुक था कि लगा कि कुछ सोच समझ कर ही किया गया होगा. फिर अचानक कई महीनों के बाद प्रधानमंत्री एक इंटरव्यू में कहते हैं कि सिर्फ नोटबंदी के आधार पर उनका मूल्याकंन नहीं होना चाहिए. वो अब नोटबंदी का ज़िक्र भी नहीं करते, कम से कम अंतिम रिपोर्ट आने पर फिर से रात के आठ बजे वे अचानक टीवी पर आ सकते थे. बल्कि अब भी आ सकते हैं.