रामपुर जिले की स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र में लकड़ी उद्योग सकंट में है. उत्तर प्रदेश के इस पिछड़े इलाके में करीब 50 फीसदी लोगों की रोजी-रोटी लकड़ी कारोबार से जुड़ी है. लकड़ी व्यापारी कहते हैं कि तीन महीने बाद भी नोटबंदी की मार आज भी झेलनी पड़ रही है, जो अब चुनावी मुद्दा भी है. लकड़ी व्यापारी नुसरत कहते हैं कि 'हमारे मजदूर और कासगार परेशान हैं. बैंक से पैसा निकालना आज भी मुश्किल हो रहा है. मजदूर चैक लेना नहीं चाहते'. वहीं, लकड़ी व्यापारी जावेद का कहना है कि 'हमारे कई मजदूरों ने चैक के बारे में सुना भी नहीं है'. उध, एक अन्य लकड़ी व्यापारी रईस अहमद का कहना है कि मैं चार दिन से बैंक जा रहा हूं. पैसा नहीं निकल पाया.