एक सितंबर को जालना में हुए बर्बर लाठीचार्ज ने मराठा आरक्षण के मुद्दे को फिर से भड़काने के लिए चिंगारी का काम किया है. जिसका असर मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में दिखने लगा है. भीड़ में तो मराठा युवक गोदावरी नदी में जलसमाधि लेने पर डट गए. हालांकि काफी मशक्कत के बाद लोगों को समझाया गया.