दिल्ली के दंगों में इंसानियत के वो फरिश्ते भी सामने आए जिन्होंने नफरत के बीच दूसरे मजहब के लोगों की जान बचाई. करावल नगर के संजीव कुमार ने दंगे के दौरान कई मुसलमानों को अपनी घर में शरण दी. वे एक गर्भवती महिला को अस्पताल भी ले गए. अब उनके समुदाय के कुछ लोग उन्हें गद्दार भी कह रहे हैं. लेकिन उन्हें इस बात की परवाह नहीं है. उनका परिवार अपने ही समुदाय के लोगों से डरा हुआ है.