दिल्ली की हिंसा में अब तक 43 लोगों की मौत हुई है. कुल 167 मुकदमे दर्ज हुए हैं. जिनमें 36 केस आर्म्स एक्ट के हैं. पुलिस ने अब तक 885 लोगों को हिरासत में लिया है. इस बीच दंगों में मारे गए लोगों के परिजन पोस्टमार्टम हाउस के बाहर अपनों के शवों का इंतजार कर रहे हैं. इन दंगों में बाबू खान ने जहां अपने दो जवान बेटों को खोया वहीं रिक्शा चलाने वाले रामसुगरित को 72 घंटे बाद बेटे नितिन का शव मिला.