दिल्ली की एक झुग्गी के 2 तंग कमरों में 9 लोगों के साथ रहना परमेश्वर के जीवन की हकीकत थी. फिर भी 17 वर्षीय परमेश्वर ने बड़ी कठिनाइयों का सामना किया और CBSE 12वीं की परीक्षाओं में 91.7 प्रतिशत अंक हासिल किए. परमेश्वर की जीत विपरीत परिस्थितियों में साहस की कहानी है. तिगरी की झुग्गी के अपने घर में परमेश्वर के लिए भूख एक आम बात थी. भूख से परमेश्वर का शरीर भी जैसे सूख सा गया था. परमेश्वर ने 10वीं कक्षा में ही खानपुर में कारों की धुलाई का काम करना शुरू कर दिया था. जिससे उन्हें एक महीने में 3,000 रुपये मिलते थे.