दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हज़ारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना से संबंधित कई वीडियो हैं. वकीलों और जवानों की तरफ से कई तरह के दावे हैं. बहुत तरह की बातें हैं, लेकिन इन सबके बीच एक सवाल गुम हो गया है. क्या एक वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी के साथ यौन हिंसा हुई थी. मोलेस्ट किया गया था? क्या उनकी पिस्तौल ग़ायब है? अगर ग़ायब है तो क्या इसके लिए कोई केस दर्ज हुआ है?, महिला आई पी एस अधिकारी ने क्यों नहीं मुकदमा दायर किया?, तब भी जब उनके साथ यह घटना कोर्ट के परिसर में हुई थी. महिला आई पी एस वर्दी में थीं.