विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का दृष्टिकोण केवल कुछ लोगों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई लोगों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है.साथ ही उन्होंने कहा कि अब वो दिन खत्म हो गए हैं, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे उनके साथ आए.