इस हफ्ते एनसीआरबी- यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2017 के आंकड़े जारी किए. पूरे एक साल बाद. इन आंकड़ों में देश भर के दर्ज अपराधों का ब्योरा है- 53 उन शहरों का भी, जहां की आबादी दस लाख से ज़्यादा है. हालांकि इसमें कई अपराधों का रिकॉर्ड नहीं है. जैसे मॉब लिंचिंग एक बड़ी चिंता है, लेकिन इसमें मारे गए लोगों की संख्या नहीं है. खाप पंचायतों के आदेश से होने वाली हत्याओं का ज़िक्र ग़ायब है. धार्मिक वजहों से की जाने वाली हत्याएं भी शामिल नहीं की गई हैं. किसानों की आत्महत्या के आंकड़े भी इसमें शामिल नहीं हैं. जबकि 2015 तक ये आंकड़े आया करते थे.