दिल्ली में अभी भी ऑक्सीजन की कमी से दम घुट रहा है. दिल्ली सरकार इस कमी को लेकर अदालत के चक्कर लगा रही है. पिछले 13 महीनों में औसतन मौत जितनी दिल्ली में हो रही है, उससे करीब 5 गुना ज्यादा मौत इस साल अप्रैल महीने में ही हो गई. वो भी तब जब ऑक्सीजन की जरूरत ज्यादा पड़ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि दिल्ली को 700 MT टन की जरूरत है तो 480 क्यों आवंटित है? दिल्ली में लोगों को जरूरत है तो 200 MT और बढ़ा सकते हैं.दिल्ली के नागरिकों के लिए केंद्र की भी जिम्मेदारी है.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की दिल्ली के प्रति विशेष जिम्मेदारी है.दिल्ली के पास संसाधनों की की कमी है. देखिये ये रिपोर्ट परिमल कुमार की ये रिपोर्ट