पंचायत परिसर हरियाणा में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी कांग्रेस के राज में पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास कभी नहीं किए गए, ज्यादातर कार्रवाई सिर्फ आंकड़ों और कागजों में ही सीमित रही. जम्मू-कश्मीर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. आजादी के बाद 4 दशक तक कांग्रेस को यह समझ नहीं आया कि गांवों में पंचायती राज व्यवस्था लागू करना कितना जरूरी है. इसके बाद जो जिला पंचायत व्यवस्था बनी, उसे कांग्रेस शासनकाल में अपने हाल पर छोड़ दिया गया.