नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पेश हुआ और विधेयक के पक्ष में 311 मत, जबकि विरोध में 80 मत पड़े. जिसके बाद इसे लोकसभा से मंजूरी दे दी गई. इस मामले पर संविधान विशेषज्ञों ने कहा है कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो जाएगा, क्योंकि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.