चेन्नई इस साल बूंद-बूंद पानी को तरसता रहा. इसके पीछे एक बड़ी वजह रही चेन्नई में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का चरमरा जाना. 16 साल पहले तबकी मुख्यमंत्री जयललिता ने इसे अनिवार्य कर दिया था लेकिन बाद में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर ज़बर्दस्त लापरवाही दिखाई गई. यही नहीं सड़क से लेकर फुटपाथ और अन्य खाली जगहों को अलग अलग बहानों से ईंट कंक्रीट से ढक दिया गया. नतीजा पानी ज़मीन में रिसने के रास्ते बंद हो गए, भूमिगत जल लगातार नीचे जाता रहा. ताज़ा संकट से सरकार का ध्यान फिर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की ज़रूरत की ओर खींचा गया है.