मुंबई के बड़े कैंसर अस्पतालों में करीब 50-60% मरीज़ दूसरे शहरों राज्यों के होते हैं, लॉकडाउन के दौरान कैंसर के इलाज पर पूरी तरह से ब्रेक लगा और अब मुंबई के अस्पतालों में करीब 40% मरीज़, आख़िरी स्टेज के कैंसर के साथ पहुंच रहे हैं, जिनके बचने की उम्मीद बेहद कम या ना के बराबर होती है.