केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की बातों पर यकीन किया जाए तो बिहार में एक पौष्टिक सियासी खीर पक रही है, जिसमें अति पिछड़े, दबे कुचले लोगों का पंचमेवा भी पड़ सकता है. बहरहाल खीर चूल्हे पर चढ़ तो गई ही है, अब इसमें सही समय उबाल का इंतजार होगा. कुशवाहा भले ही बयान को अब ज्यादा तरजीह न दें लेकिन एक नए सियासी समीकरण का जो इशारा उन्होंने किया है इससे ये तो साफ है कि नीतीश कुमार की जाती कुरमी जो हमेशा से कोयरी जाती के साथ रही है अब शायद इस नए गठजोड़ में साथ नहीं होगी.