विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने पदभार संभालने के बाद कहा कि काफी संघर्ष के बाद वो यहां पहुंची हैं. NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “मैं सबसे पहले प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहती हूं और आभार व्यक्त करना चाहती हूं. उन्होंने मेरे ऊपर विश्वास जताया. इस अभूतपूर्व विश्वास के लिए मेरा आभार उन सबके प्रति.” उन्होंने चुनौती वाले एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, चुनौती से तो घबराने वाली बात नहीं है, क्योंकि जिसका जीवन ही चुनौतीपूर्ण रहा हो और संघर्ष से निकलकर पला हो. उसके लिए चुनौती चिंता का विषय नहीं है. उसके लिए चुनौती एक मौका होता है. इसलिए चुनौती को मैं चुनौती नहीं मानती.”