पहले पिता का साथ छूटा फिर मां का साया भी नहीं रहा और अब सरकार ने भी हाथ झटक दिया है. कभी पापा की लाडली रही सलोनी को मुसीबतों ने समय से पहले बड़ा कर दिया है. कुछ यही हाल उसके छोटे भाई और फर्स्ट इयर के छात्र अभिमन्यु का है. कभी पिता की देशसेवा पर गर्व करने वाले बच्चे आज देश से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर उनका कसूर क्या है? करीब दो साल पहले आज ही के दिन दिल्ली में बीएसएफ के एक विमान हादसे में मारे गये दस परिवारों को अब तक हादसे की सही वजह का पता नहीं चल पाया है. और तो और इसी हादसे में मारे गये सब इंसपेक्टर रवीन्द्र कुमार के परिवार की पेंशन भी शुरू नही हो पायी है. अब उनके परिवार से सरकारी घर खाली कराया जा रहा है.