हम जिस समाज में रहते हैं उस समाज में अक्सर ऐसा सोचा जाता है कि जब कोई महिला खुद से कमरे में जाती है....आपसे हंसकर बात करती है....मुस्कुराती है....तो शायद वो अपनी रजामंदी दे चुकी है....लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने इस ग़लतफहमी का पर्दाफाश कर दिया है....कोर्ट ने साफ कहा कि महिला का पुरुष के साथ होटल के कमरे में जाना....किसी भी सूरत में संबंध बनाने के लिए उसकी सहमति का प्रमाण नहीं है....कोर्ट में क्या कुछ हुआ....जज ने क्या कहा...पूरी कहानी समझाएंगे...सबसे पहले ये समझ लीजिए कि केस क्या था.