पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ने और उसके खिलाफ भारत बंद करने की राजनीति के बीच मीडिया भी है. जब विपक्ष कुछ नहीं करता है तब यही मीडिया कहता है कि विपक्ष कहां है. जब विपक्ष कुछ करता है तो पूछता है कि सत्ता में आने के लिए पेट्रोल-डीज़ल के दाम का विरोध हो रहा है. यह बात भी सही है कि दाम को लेकर भारत के किसी भी दल के पास कोई स्थायी जवाब नहीं है. इस राजनीति के कारण दोनों एक्सपोज़ हो रहे हैं. मगर जनता क्या करे. क्या वो 90 रुपये से लेकर 100 रुपये तेल के दाम देने की तैयारी कर ले. आइये सुनते हैं भारत की विविध राजनीति के भूले बिसरे गीत. ये सारे गीत 2012 के हैं. गाने के बोल लिखे हैं बीजेपी ने और गाए भी हैं बीजेपी ने. अब बीजेपी के बोल क्या हैं.