भारतीय राजनीति में दिल्ली का रास्ता लखनऊ होकर जाता है- ये कहावत जैसे बार-बार ख़ुद को साबित करती है. 2014 में बीजेपी ने यूपी की 71 सीटें जीतीं और लोकसभा में अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया. 2019 में उनकी वापसी भी बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि वो यूपी में अपना प्रदर्शन कितना बेहतर बनाए रखते हैं. लेकिन इस बार उनके लिए पनघट की डगर बहुत कठिन हो सकती है. तीन-तीन दिग्गजों ने वहां उनके ख़िलाफ़ एक साथ मिलकर घेराबंदी की है. मायावती-अखिलेश यादव और अजित सिंह सिर्फ गठजोड़ करके संतुष्ट नहीं हैं, वो साझा रैली करके यूपी की हवा बदलने की तैयारी कर रहे हैं. आने वाले दिनों में वो एकाध नहीं, कुल नौ साझा रैलियां करने वाले हैं. नौ ऐसी रैलियां- जिनमें अखिलेश यादव, मायावती और अजित सिंह एक मंच पर होंगे. उनका नारा है- एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बंटने पाए.