लोकसभा चुनावों में एक से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की परंपरा किस पार्टी और नेता ने शुरू की? जनसंघ ने और अटल बिहारी वाजपेयी ने. ये 1957 के दूसरे आम चुनाव की बात है. जनसंघ के युवा नेता अटल बिहारी वाजपेयी एक नहीं, दो नहीं, तीन सीटों पर चुनाव लड़े- मथुरा से हारे, लखनऊ से हारे, बलरामपुर से जीते. जनसंघ बीजेपी की पुरखा पार्टी थी. अटल बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता रहे. तब जनसंघ में किसी को ख़याल नहीं आया कि एक नेता को एक से ज़्यादा सीटों पर नहीं लड़ना चाहिए. एक से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की व्यवस्था हमारे संविधान ने की है. बेशक, किसी भी कायदे की तरह इस क़ायदे पर भी सवाल खड़े किए जा सकते हैं. लेकिन पिछले तमाम चुनावों में अलग-अलग पार्टियों के कई नेता रहे हैं जिन्होंने एक से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़े हैं. ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में दो सीटों से चुनाव लड़ा. तब किसी ने एतराज़ नहीं किया. जाहिर है, राहुल गांधी को लेकर जो एतराज़ किए जा रहे हैं, उसके पीछे चिंताएं कुछ और हैं.