महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आया है. मानसून विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद खाली है. विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के कोटे में है . लेकिन नाना पटोले के इस्टीफे के बाद कांग्रेस नया नाम तय नही कर पायी है. नतीजा बीजेपी को सरकार पर दबाव बनाने का मौका मिल गया है. इस बीच राज्यपाल के पत्र ने आग में घी का काम किया है. महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना एन सीपी और कांग्रेस तीनों दलों के एकसाथ आने के बाद संख्याबल में बीजेपी कहीं टिकती नजर नही आती लेकिन राजनीति में ऊंट कब किस करवट बैठे ये कहा नही जा सकता है यही वजह है कि बीजेपी लगातार दबाव बनाए हुए है.