Bihar Elections 2025: चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण आदेश दिया । इसके पहले ये प्रक्रिया 2003 में पूरी हुई थी । इसको एक महीने के अंदर पूरा करना है । मतदाताओं को अपने निवास का प्रमाण और जन्म की तारीख संबंधित दस्तावेज देना होगा । इसके लिए 11 प्रकार के डॉक्यूमेंट की सूची दी गई है । इसमें आधार कार्ड शामिल नहीं है । विपक्ष चुनाव आयोग के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहा है । विपक्ष का कहना है कि चुनाव से चंद महीने पहले अचानक इसका ऐलान क्यों हुआ । क्या इतने कम समय में इसे करना संभव है ? विपक्ष को डर है कि बड़ी संख्या में लोग जरुरी कागज उपलब्ध करा नहीं पाएंगे । इसके चलते बहुत बड़ी संख्या में लोगों का नाम मतदाता सूची से नाम कट जाएगा । विपक्ष इसे वोटबंदी का नाम दे रहा है । हालांकि चुनाव आयोग इसे जरुरी कदम बता रहा है । बीजेपी ने भी विपक्ष पर हार के डर से इस फैसले का विरोध करने का आरोप लगाया है । आज NDTV Election Cafe में इस मुद्दे पर विस्तार से हुई चर्चा