Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव 2025 का आखिरी चरण बन गया है एक भीषण राजनीतिक रण। एक तरफ है एनडीए, जहां नीतीश कुमार और योगी आदित्यनाथ विकास के साथ हिंदुत्व का कार्ड खेल रहे हैं। दूसरी तरफ है महागठबंधन — तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव, जो जातीय जनगणना और रोजगार के वादों के सहारे मैदान में हैं। लेकिन असली खेल इस बार 80 बनाम 20 का है — यानी हिंदू बनाम मुस्लिम ध्रुवीकरण। तेजस्वी यादव के वक्फ कानून को रद्द करने वाले बयान ने चुनावी फिज़ा गर्म कर दी है। योगी आदित्यनाथ ने इसे मुद्दा बनाकर कहा कि “तेजस्वी आएंगे तो वक्फ हटाएं या नहीं, लेकिन शरिया कानून जरूर लाएंगे।” वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने भी “मल्लाह का बेटा डिप्टी सीएम हो सकता है तो मुहम्मद का क्यों नहीं?” कहकर सियासत को और भड़का दिया। अब बिहार का सवाल है — क्या धर्म की राजनीति विकास पर भारी पड़ जाएगी? या फिर जनता विकास और रोजगार के मुद्दों पर वोट देगी? ये चुनाव सिर्फ सरकार बनाने का नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा तय करने वाला है।