अगरतला के 41 साल के हबीब मियां बिना किसी कसूर के 4 साल जेल में रहे. अब बेंगलुरु की NIA अदालत ने उन्हें बरी किया है. उन पर आतंकवादियों की मदद का इल्जाम था. UAPA के तहत 4 साल बिना ट्रायल के उन्हें बेंगलुरु जेल में रहना पड़ा. हबीब मियां को 2005 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस पर हुए आतंकी हमले के सिलसिले में पुलिस ने हमले के 11 साल बाद गिरफ्तार किया था. हबीब की ही तरह 27 ऐसे आरोपी अभी कर्नाटक की जेलों में बंद हैं, जिन्हें 2013 में बेंगलुरु में हुए बीजेपी दफ्तर के बाहर धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था और अब तक इनका ट्रायल शुरू नहीं हुआ है.