अब मैं आपको एक ऐसे डर की कहानी सुनाउंगा जो देश के हर घर औऱ हर नागरिक की चिंता है। अभी ये चिंता थोड़ी छिपी हुई है।लेकिन धीरे-धीरे विकराल रूप ले रही है। हम बाजार जाते हैं। कहीं घूमने जाते हैं। रेस्टोरेंट में खाने जाते हैं। कॉफी हाउस। पेस्ट्री शॉप। ब्यूटी पार्लर। शादी।इंगेजमेंट। बर्थडे फंक्शन। यहां तक कि ऑफिस, स्कूल और हॉस्पिटल में भी एक चीज देखते हैं..... वो है सेल्फी लेते और रील बनाते लोग। इन लोगों को सम्मान देने के लिये कंटेंट क्रिएटर भी आज कल कहा जाता है। इस प्रोसेस में कन्टेंट तो क्रिएट हो जाता है..यानी एक तरीके की वीडियो वाली कहानी बन जाती है, लेकिन उसके इस शूटिंग करने के प्रोसेस में कई ऐसे लोग भी कैमरे की ज़द में आ जाते हैं जो शायद खुद को कैमरे में नहीं दिखाना चाहते हैं। हम अपने कंटेंट के चक्कर में दूसरों को बिना इजाजत उसमें शामिल कर लेते हैं। ये गलत है। हम किसी इंडीविजुएल को कंटेट में बदल देते हैं। उसकी पूरी पर्सनाल्टी को एक तरह से किल कर देते हैं। कई लोग ऐसा अनजाने में करते हैं तो कुछ शातिर जानबूझकर ऐसा करते हैं। लाइक्स, कमेंट और सब्सक्राइब के भंवर मे न जाने कितने लोग डूब कर पछता रहे हैं। कंंटेंट को कलंक बनने से रोकिए।