मोदी सरकार जहां एक तरफ जनधन योजना के तहत बैंको में गरीबों के लिए करोड़ों जीरे बैलेंस एकाउंट खोलने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ बैंक ही इस पूरी योजना की हवा निकालने पर तुले हैं। बैंकों में लोगों को खाता खोलने का फामर् तक नहीं मिल रहा और किसी को मिला भी तो महीने बाद भी वे पासबुक के इंतजार में हैं।