दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर पीले रंग की यह 'कार्टो' (कार और ऑटो को मिलाकर बनाया गया शब्द) हवलदार अत्तर सिंह की है, जिन्होंने इसे बजाज चेतक स्कूटर के इंजन से बनवाया, और इसकी लागत कुल पच्चीस हज़ार रुपये रही थी... अत्तर सिंह के मुताबिक, इसे बनाने वाला कारीगर हनीफ भी शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है... उसके दोनों पैर नहीं हैं, मगर डेढ़ फुट के हनीफ ने कमाल की गाड़ी बना दी है...