देश में पिछले 2 साल के दौरान महामारी के दौर में आशा कार्यकर्ताओं ने बड़ी जिम्मेदारियां उठाई थी. कोविड का सर्वे हो या महामारी से बचाव की जानकारी या टीकाकरण के प्रोत्साहित करने का काम. आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवाओं की पहली कड़ी हैं. अपनी मांगों को लेकर वो कई बार हड़ताल कर चुकी हैं. सरकार आश्वासन का झुनझुना थमा देती है होता कुछ नहीं है. एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन मध्य प्रदेश में आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं. मांग एक बार फिर उनकी वही है कि नियमित किया जाए और पर्याप्त वेतन दिया जाए.