ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध तो जाहिर किया, साथ ही सोशल मीडिया पर यह भी समझाया कि आखिर NRC और NPR में क्या अंतर है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर करीब 5 ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने विस्तृत रूप से बताया कि आखिर हर भारतीय को इसके बारे में क्यों जानकारी रखनी चाहिए. ओवैसी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ''NPR भारतीय नागरिकों की राष्ट्रीय पंजी (रजिस्टर) की ओर पहला कदम है, जो राष्ट्रव्यापी NRC का ही दूसरा नाम है. NPR और NRC के बीच ताल्लुक को समझना अहम है.''