कश्मीर दौरे पर गए यूरोपीय सांसदों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने दौरे को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब दिए. इन सांसदों ने कहा कि उनके इस दौरे को गलत नजरिए से देखा गया. वो तो यहां तथ्य जुटाने आए हैं. उन्होंने कहा कि हमें राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. इन सांसदों ने दक्षिणपंथी विचारधारा के होने के विपक्ष के हमलों पर कहा कि वे फासीवादी नहीं हैं. अगर फासीवादी होते तो जनता उन्हें नहीं चुनती. उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद से किसी देश को तबाह नहीं होने दे सकते. इस बीच यूरोपियन यूनियन के 27 सांसदों के भारत दौरे को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल मादी शर्मा को लेकर है, जिन्होंने यूरोप के इन सांसदों को ई-मेल के लिए जरिए आमंत्रित किया था.