उत्तर प्रदेश का जुर्म से नाता आज से नहीं है, सदियों से चला आ रहा है. विद्धानों से बात करिए तो वो बताएंगे कि इस ज़मीन पर इतने भगवानों का वास ही इसलिए है कि असुरों और दैत्यों का नाश कर सकें. पिछले कुछ दशकों से प्रदेश ने ऑर्गनाइज़्ड क्राइम देखा है, पुलिस का राजनीतिकरण देखा है, राजनीतिक नारे देखे कि यूपी में दम है क्योंकि जुर्म यहां कम है. हालांकि इतिहास गवाह है कि ये बात कितना बड़ा झूठ रहा है. और अब योगी आदित्यनाथ सरकार में उनका यह कहना है कि वो क़ानून का राज स्थापित करेंगे. उनकी परिभाषा क्या थी, उसके मायने क्या निकाले गए. इस पर हमने बहुत चर्चा की है. मसलन ठाएं ठाएं करती पुलिस ने अपराधियों को दौड़ाया. पर सोनभद्र, लखनऊ, संभल और उन्नाव जैसे तमाम हादसे जब होते हैं, तब हम ये पूछने पर मजबूर हो जाते हैं, ये प्रशासन पिछली व्यवस्था से कैसे अलग है. ये भी तो वहीं अपराध प्रदेश है जो हमेशा था.