अमिताभ बच्चन को इस साल का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है. पर्दे पर भूमिका निभाते हुए अमिताभ बच्चन को 50 साल हो चुके हैं. ख्वाज़ा अहमद अब्बास की फिल्म 'सात हिन्दुस्तानी' से उनकी फिल्म यात्रा शुरू होती है. 50 साल के फिल्मी सफर को यहां चंद लाइनों में समेटना सही नहीं होगा. 77 साल की उम्र में भी अमिताभ सक्रिय हैं. पूरी रात शूटिग करते हैं. इस समय 'कौन बनेगा करोड़पति' की शूटिंग में व्यस्त हैं. उनकी सफल-असफल फिल्मों की सूची बहुत लंबी है. उनका अभिनय संसार बहुत ही बड़ा है. बहुत अच्छी फिल्मों से लेकर औसत और औसत से लेकर बहुत ख़राब फिल्मों के सफ़र को उन्होंने एक सहज यात्री की तरह पूरा किया है. अमिताभ 70 के दशक में एंटी इस्टैबलिश्मेंट हीरो के रूप में उभरे लेकिन जल्दी ही वे इस छवि से बाहर आ गए. उनकी मार धाड़ वाली फिल्में आती जाती रहीं लेकिन बीच बीच में वे 'कभी-कभी', 'बेमिसाल', 'सिलसिला' जैसी फिल्मों में शांत स्वभाव वाले हीरो बनकर आते रहे. अभिताभ बच्चन के अभिनय के अलग अलग शेड्स हैं. 'पा', 'पिंक', 'पीकू', 'चीनी कम', 'ब्लैक', 'भूतनाथ' के अमिताभ को 'आनंद', 'मिली', 'अभिमान' और 'चुपके-चुपके' के अमिताभ के साथ नहीं देखा जा सकता है.