एक वो घोटाला जिसने यूपीए सरकार की बुनियादें हिला दीं. वो घोटाला जिसने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार पर दाग लगा दिया. वो घोटाला जिसके कारण तमिलनाडु की राजनीति में भूचाल आ गया. वो घोटाला जिसके बारे में सीएजी रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी खजाने को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा. वो घोटाला जिसके बारे में लोक सभा चुनाव में बीजेपी नेताओं ने कहा कि इसमें एक के आगे इतने शून्य हैं कि लिखने लगो तो धरती से चंद्रमा तक की दूरी तय हो जाए. वो घोटाला जिसके जिक्र ने बीजेपी को सत्ता में लाने में बड़ी भूमिका निभाई. वो घोटाला हुआ ही नहीं. जी हां, हम बात कर रहे हैं टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन के मामले की जिसे टूजी घोटाले के नाम से जाना जाता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष अदालत ने आज अपने फैसले में सारे आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं.