दिल्ली के चुनावी नतीजे कांग्रेस पार्टी के लिए खतरे की घंटी की तरह हैं. पार्टी शून्य के स्तर पर पंहुच गई है, जो कुछ साल पहले तक लगातार 15 साल तक दिल्ली की सत्ता को सम्भाले रही. शीला दीक्षित की अगुवाई में ये पकड़ लगातार मजबूत बनी रही लेकिन अब इन्हीं शीला दीक्षित को पीसी चाको ने एक तरह से हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही अपने ही नेताओं पर सवाल खड़े किए जाने से इस पार्टी पर खोखले होने का खतरा बढ रहा है. पी चिदम्बरम ने आप की जीत की तारीफ में कहा कि बीजेपी के ध्रुवीकरण, विघटनकारी और खतरनाक एजेंडे को मात दे दी. इसपर कांग्रेस की शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूछा क्या कांग्रेस ने बीजेपी को हराने का काम राज्य स्तर के दलों को दिया है? अगर नहीं तो हम अपनी हार पर चिंता करने के बजाय आम आदमी पार्टी की जीत पर इतना क्यों खुश हो रहे हैं? और अगर हां तो हमको प्रदेश कांग्रेस समितियां को बंद कर देना चाहिए.