2005 में एक सांसद के फ़र्जी दस्तख़त कर किसी ने अलग-अलग मंत्रालयों से 31 सवाल पूछे. लोकसभा सचिवालय ने फ़र्जी दस्तख़त तो पकड़े, लेकिन फ़र्जीवाड़ा करने वालों का अब तक कुछ पता नहीं चला है. शनिवार को इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.