महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह की परम्परा अब भी जारी है. इस बात का सबूत है बीड़ प्रशासन की ओर से हो रही कार्रवाई. इस साल जनवरी महीने से जुलाई महीने तक बीड़ प्रशासन की ओर से 160 से ज़्यादा बाल विवाहों को रोका गया और1000 से ज़्यादा लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया. बाल विवाह के अधिकांश मामले गरीब तबके से आने वाले गन्ना मजदूरों के परिवारों में देखने मिल रहे हैं.