नागरिकता कानून के खिलाफ यूपी के अलग-अलग जगहों पर हुए विरोध प्रदर्शन के आरोप में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया. इन्हीं लोगों में से एक हैं मोहम्मद फारूक जो फिलहाल सेवायोनजा कार्यालय में क्लर्क हैं. उनपर भी सीएए के खिलाफ दंगों में शामिल होने का आरोप लगा और उन्हें जेल में 11 दिन रखा गया. अब वह जेल से छूंटकर आए हैं. एनडीटीवी से बातचीत के दौरान फारूक ने कहा कि जिस दिन यह मामला उस दिन जिला कार्यालय में था. इसके बाद मैं अपने घर पहुंचा और खाना खाकर सो गए. दस बजे के करीब हमारे घर पर पुलिस आई और मुझे और मेरे बच्चे को लेकर गई. इसके बाद पुलिस ने हम दोनों को जेल में बंद कर दिया. उन्होंने बताया कि वह भले ही जेल से बाहर आए गए हैं लेकिन उनका बेटा अभी भी जेल में ही है. एक ऐसी अन्य शख्स जिनका नाम खालिद है के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. वह अपने चाचा को लेकर अस्पताल जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोका, उनकी पिटाई की और बाद में उन्हें उनके बेटों के साथ जेल में बंद कर दिया. वह भी 11 दिन बाद जेल से छूंटकर आए हैं.