आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी बताती है कि महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी राज्य सरकार से अनुमति के इंतज़ार में 360 से अधिक भ्रष्टाचार के मामलों में जांच आगे नहीं बढ़ा पा रही है! सबसे ज़्यादा मुख्यमंत्री के शहरी विकास विभाग में 90 लंबित मामले हैं, जबकि राजस्व विभाग में 45 रुके हुए मामले हैं. विपक्ष सवाल उठा रहा है…तो सत्तारूढ़ शिवसेना कहती है जल्दबाज़ी में किसी के साथ अन्याय नहीं कर सकते.