आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान बुरे दौर से गुज़र रहा है. मुद्रास्फीति 17% पहुंच गई है और विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने की कगार पर है. महंगाई से लोग परेशान हैं और बिजली संकट भी देश को परेशान कर रहा है. आयात के भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं और ज़रुरी चीज़ों की किल्लत हो रही है. ऐसे में पाकिस्तान के पास क्या हैं बचाव के रास्ते.पाकिस्तान में आर्थिक मामलों के जानकार, एसडीपीआई के निदेशक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की आर्थिक एडवाइजरी काउंसिल में सदस्य रहे आबिद कय्यूम सुलेरी से उमाशंकर सिंह की बातचीत.