पटना में जब 16 विपक्षी पार्टियां एकता की बात कर रही थीं, उसी वक्त आम आदमी पार्टी ने नया सुर छेड़ दिया. पार्टी ने ऐलान कर दिया कि वह विपक्षी पार्टियों की किसी भी आगामी मीटिंग का तब तक हिस्सा नहीं बनेगी, जब तक कि कांग्रेस सार्वजनिक रूप से केंद्र सरकार के दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण वाले अध्यादेश का विरोध नहीं करती है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह तय करने की जरूरत है कि वह दिल्ली की जनता के साथ है या मोदी सरकार के साथ.