बाघ है तो जंगल है, जंगल तो बारिश है और बारिश है तो पानी है और पानी है तो हमारी जिंदगी है. तो ये एक बाघों के साथ में हमारे महत्वपूर्ण संबंधों को दर्शाता है. यही वजह है की बाघों को संरक्षित करने की दिशा में भारत कई सारे कदम उठा रहा है. इसके बहुत अच्छे नतीजे भी आने लगे हैं. बाघों की जो तादाद है साल 2014 से लेकर 2018 के बीच में 33 फीसदी बढ़ी है.