सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों वाले फैसले पर बोलीं उर्वशी ढोलकिया, ट्रोलर्स को दिया करारा जवाब

ट्रोलर्स को नसीहत देते हुए उन्होंने लिखा, "मेरे विचारों पर सवाल उठाने से पहले, आप लोग खुद को आईने में देखकर खुद से पूछते हैं कि आपने इन बेजुबानों के लिए क्या किया है?"

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उर्वशी ढोलकिया ने ट्रोलर्स को दिया जवाब
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नई दिल्ली:

अभिनेत्री उर्वशी ढोलकिया ने सोशल मीडिया पर आवारा कुत्तों के लिए सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश को लेकर अपनी राय रखी. पोस्ट में उन्होंने अपनी प्रमाणिकता पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया. उर्वशी ने साफ कहा कि वे कभी सिर्फ पॉपुलैरिटी के लिए कुछ पोस्ट नहीं करतीं. उन्होंने आवारा कुत्तों के लिए सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश पर अपनी राय रखी. उर्वशी ने लिखा, "इंडीज (जिन्हें दुनिया आवारा कहती है) के लिए सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बारे में मेरे पोस्ट को लेकर मेरी सच्चाई और प्रमाणिकता पर सवाल उठाने वालों को आपके निगेटिव शब्दों का जवाब!!"

उर्वशी ने आगे लिखा, "अगर आपने मुझे या मेरे परिवार को सचमुच जानने का फैसला किया होता (जो कि आप स्पष्ट रूप से नहीं करते), तो आपकी नकारात्मकता और तुच्छ विचार जायज होते."

अभिनेत्री ने अपने परिवार का पक्ष रखते हुए कहा, "मेरा परिवार हमेशा से इंडीज को प्यार करता रहा है, चाहे वे कुत्ते हों या बिल्लियां और हमें इस पर बहुत गर्व है! हमने हमेशा इंडीज के लिए गोद लेने की अपील की है और हम ऐसा करते रहेंगे."

ट्रेंड के पीछे भागने से इनकार करते हुए उर्वशी ने साफ किया, "मैंने कभी सिर्फ इंस्टाग्राम के लिए पोस्ट करने के चलन का पालन नहीं किया और न ही मेरा ऐसा करने का कोई इरादा है. मैं जब बोलना होता है, तब बोलती हूं और आज मैं ठीक यही कर रही हूं."

ट्रोलर्स को नसीहत देते हुए उन्होंने लिखा, "मेरे विचारों पर सवाल उठाने से पहले, आप लोग खुद को आईने में देखकर खुद से पूछते हैं कि आपने इन बेजुबानों के लिए क्या किया है?" तो अपना समय बर्बाद करने के बजाय, जाइए और खुद कुछ नेक काम कीजिए. गोद लीजिए. थोड़ी इंसानियत दिखाइए."

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पोस्ट के साथ एक पुराना वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उर्वशी पिछले साल शूटिंग के दौरान इंडीज को प्यार दिखाने की अपील कर रही हैं. उन्होंने लिखा, "आखिरी वीडियो पिछले साल की है, जब मैं शूटिंग सेट पर थी. यह उन लोगों के लिए है जो सिर्फ बातें करते हैं, लेकिन करते कुछ नहीं."

सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को एक अहम फैसला सुनाया. अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि स्कूलों, अस्पतालों, खेल परिसरों, बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाकर नजदीकी शेल्टर्स में भेजा जाए. स्टरलाइजेशन और वैक्सीनेशन के बाद इन्हें उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा. यह फैसला डॉग बाइट्स और रेबीज के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लिया गया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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