तुलसी का नाम सुनते ही स्मृति ईरानी को याद आया था 'पे चेक', करियर को लेकर युवाओं को दी खास सलाह

हाल ही में एक कॉन्क्लेव में, स्मृति ईरानी से एक दिलचस्प सवाल पूछा गया, जिसके जवाब में उन्होंने वहाँ मौजूद सभी लोगों को जीवन का एक बेहद जरूरी और व्यावहारिक सबक दिया. क्या था वो सवाल आइए जानते हैं.

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क्योंकि सास भी कभी बहू थी में नजर आ रही हैं स्मृति ईरानी
नई दिल्ली:

हाल ही में एक कॉन्क्लेव में, स्मृति ईरानी से एक दिलचस्प सवाल पूछा गया, जिसके जवाब में उन्होंने वहाँ मौजूद सभी लोगों को जीवन का एक बेहद जरूरी और व्यावहारिक सबक दिया. जब उनसे पूछा गया कि जब वह अपने आइकॉनिक किरदार तुलसी के बारे में सोचती हैं, तो उनके दिमाग में सबसे पहला शब्द क्या आता है, तो स्मृति का जवाब न तो भावुक था ना ही पुरानी यादों से भरा हुआ था. बल्कि, वह ताज़गी भरा और व्यावहारिक था. उन्होंने तुरंत कहा, “पेचेक!” यानी पगार! उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा, और फिर वह सलाह दी जो युवा प्रोफेसनल के लिए करियर की सबसे अनमोल सलाह बन गई.

प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान उनका यह बेबाक जवाब दशकों के अनुभव और कड़ी मेहनत से मिली समझदारी पर आधारित था. उन्होंने कहा, “मैं यह जानबूझकर कह रही हूं ताकि आज यहां मौजूद युवा लड़कियां इसे समझ सकें. 25 साल पहले, जब मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी, तो मैंने हमारे क्रिएटिव इंडस्ट्री के एक दिग्गज का एक डॉक्यूमेंट्री देखा, जो आज यहां बैठे हैं. उसमें उन्होंने कहा था कि चाहे लोग कितने भी प्रतिभाशाली क्यों न हों, उन्हें शुरुआत में बताया जाता है कि तुम्हारे पास अच्छा कॉन्ट्रैक्ट या अच्छा वेतन पाने की ‘औकात' नहीं है. इसलिए अगर तुम अपने टैलेंट के दम पर कहीं बहुत कुछ हासिल कर रहे हो, तो अपने कॉन्ट्रैक्ट के लिए अच्छी तरह बातचीत करो. एक अच्छा वेतन प्राप्त करें, अपने भविष्य के लिए खुद में निवेश करें, क्योंकि जब मुश्किल समय आता है, तो व्यक्ति अकेले ही कष्ट सहता है. तो मेरा एक शब्द का जवाब यही है - वेतन!"

स्मृति का यह संदेश इंडस्ट्री में उपस्थित उस व्यापक समस्या पर प्रहार करता है, जहाँ प्रतिभाशाली व्यक्तियों, खासकर युवा महिलाओं को अक्सर यह महसूस कराया जाता है कि उन्हें मिलने वाले अवसरों के लिए आभारी होना चाहिए, चाहे भले ही वेतन कम हो. इस सलाह को सार्वजनिक रूप से साझा करके, वह न केवल एक प्रमुख टेलीविजन स्टार से एक निडर और मेहनती राजनेता बनने के अपने सफर पर विचार कर रही हैं, बल्कि अगली पीढ़ी को भी पहले दिन से ही अपने मूल्य को समझने के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही हैं.

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