भारत में अब संगीत केवल फिल्मों तक सीमित नहीं रहा. स्वतंत्र यानी इंडिपेंडेंट म्यूज़िक एक नई क्रांति की तरह उभर रहा है, और इसी बदलाव का चेहरा हैं श्रेयश शांडिल्य. वे एक गायक, संगीतकार, गीतकार और लेखक हैं, जो बिहार के छोटे शहर बांका से हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2016 में की और अब तक 50 से ज्यादा ओरिजिनल गाने बना चुके हैं. श्रेयश ने मशहूर गायकों जैसे कृष्णा ब्यूरा, सूरज जगन, श्वेता पंडित, अन्वेषा, और अनुप जलोटा के साथ भी काम किया है. वे मुंबई स्थित सोलफुल वन वर्ल्ड नाम की संस्था के संस्थापक हैं, जो नए कलाकारों को ट्रेनिंग, रिकॉर्डिंग स्टूडियो, और म्यूज़िक डिस्ट्रीब्यूशन की सुविधा देता है.
2022 में श्रेयश को आइकॉनिक ब्रांड्स ऑफ महाराष्ट्र अवार्ड भी मिल चुका है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "आज इंडिपेंडेंट म्यूज़िक जरूरत बन चुका है. अब केवल गाना गाना नहीं, सही गाइडेंस और मंच देना भी जरूरी है". श्रेयश ने मुंबई से ऑडियो इंजीनियरिंग सीखी, और ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से म्यूज़िक थ्योरी में सर्टिफिकेट लिया. वे उस्ताद महबूब अली ख़ान के शिष्य भी हैं. श्रेयश आज के उन कलाकारों में से हैं जो न सिर्फ़ खुद आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी रास्ते बना रहे हैं.
एक इंटरव्यू में जब श्रेयस से भारत में स्वतंत्र संगीत का भविष्य पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "भारत में स्वतंत्र संगीत अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता बन चुका है. पहले जहां कलाकारों के पास पहचान बनाने के लिए केवल फ़िल्म उद्योग या बड़े संगीत लेबल्स का सहारा होता था, वहीं अब तकनीक, डिजिटल मंचों और जागरूकता ने एक पूरी स्वतंत्र संगीत उद्योग को जन्म दिया है. आज केवल गाना बनाना पर्याप्त नहीं है- एक स्थायी करियर बनाने के लिए आवश्यक है सही मार्गदर्शन, संपर्क सूत्र, और एक सहायक वातावरण. इसी सोच के साथ मैंने सोलफुल म्यूज़िक अकादमी जैसी संस्थाएं शुरू की हैं, ताकि युवा कलाकारों को केवल मंच ही नहीं, स्टूडियो से लेकर वितरण तक हर स्तर पर सहयोग मिल सके".