अब बिग बॉस विनर बनने के लिए मास्टरमाइंड या शानदार गेम नहीं चाहिए तो सिर्फ फॉलोअर्स, आंकड़े तो यही कहते हैं

बिग बॉस का गेम बदलता जा रहा है. अब यह कंटेस्टेंट के गेम पर बेस्ड ना होकर, उसके फॉलोअर्स पर फोकस होता जा रहा है. यकीन नहीं होता तो पिछले दो विनर्स पर नजर डालकर देख लें.

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आखिर क्यों गेम से ज्यादा जरूरी होते जा रहे हैं फॉलोअर्स
नई दिल्ली:

शिल्पा शिंदे, सिद्धार्श शुक्ला, गौतम गुलाटी और रुबीना दिलैक ये कुछ ऐसे बिग बॉस विनर हैं जिन्हें अकसर उनके गेम के लिए याद किया जाता है. ये सब टीवी की दुनिया से थे और इन्होंने बिग बॉस हाउस में ऐसा गेम खेला कि अपने प्रतिद्वंद्वियों की धज्जियां उड़ाकर रख दी. ओरिजिनल गेम और अपने दम पर खेले. ना कोई गुट बनाया और ना ही किसी के सहारे पर चले. बेशक ये टीवी स्टार थे, लेकिन जब ये बिग बॉस में आए उस समय उनका चमक फीकी पड़ चुकी थी. लेकिन बिग बॉस में आए और ऐसा खेले की देखकर मजा ही आ गया. एकदम ओरिजिनल पर्सनेलिटी दिखाई. सिद्धार्थ शुक्ला के सीजन को तो आजतक का बेस्ट सीजन माना जाता है, जिस तरह वो खेले शायद ही किसी कंटेस्टेंट ने ऐसा गेम खेला हो. लेकिन अगर बिग बॉस के पिछले कुछ विनर्स पर नजर डालें तो ऐसा लग रहा है कि अब इस शो के मेकर्स कंटेंट से ज्यादा ऐसे कंटेस्टेंट को तवज्जो देना पसंद करते हैं जिनकी सोशल मीडिया पर फॉलोइंग है.

इसकी मिसाल बिग बॉस 16 के विनर एमसी स्टैन हैं. जिन्होंने पूरे सीजन में कोई गेम नहीं खेला. हर वक्त एक ही रट की मैं शो छोड़ दूंगा. या फिर प्रियंका चौधरी चहल को ताने कसना और अपशब्द कहते रहना.लेकिन जैसा बताया गया कि उनकी फैन फॉलोइंग जबरदस्त है तो इस तरह पूरा सीजन दूसरे कंटेस्टेंट ने खींचा लेकिन ट्रॉफी एमसी स्टैन के हाथ लगी. पूरे सीजन में एमसी स्टैन साजिद खान, शिव ठाकरे और अब्दु रोजिक के साथ मिलकर ही गेम खेलते रहे. कुल मिलाकर एमसी स्टैन की जीत से जहां उनके फैन्स तो खुश हुए लेकिन बिग बॉस के फैन्स को जरूर जोर का धक्का लगा.

अब बात करें बिग बॉस ओटीटी सीजन 2 की तो इसमें मेकर्स का पूरा फोकस यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पर रहा. यह मायने नहीं रखा कि ये कितना कंटेंट दे सकते थे. एल्विश यादव, अभिषेक मल्हन, मनीषा रानी, पुनीत सुपरस्टार और आशिका भाटिया जैसे नाम आए. अभिषेक मल्हन जहां खुद से अपने को विनर मानकर चल रहे थे तो वहीं मनीषा रानी की बातें एक समय के बाद ओवर हो रही थीं. आशिका तो पूरे गेम में समझ ही नहीं पाईं कि वह करने क्या आई हैं. वहीं एल्विश यादव ने बेबिका को लेकर जो कहां उसने तो अच्छे-अच्छों के होश उड़ा दिए. फैन्स को उम्मीद थी कि अभिषेक मल्हन और एल्विश यादव में एक हेल्दी टक्कर होगी. यहां भी निराशा हाथ लगी. दोनों ने भाईचारा बना लिया. तेज तर्रार तेवर रखने वाले अभिषेक मल्हन एल्विश के आते एकदम उनके सामने कमजोर पड़ गए. अगर वह एल्विश को टक्कर देते तो शायद वह गेम जीत सकते थे. लेकिन यहां भाईचारा और फॉलोअर्स का खौफ उनपर हावी रहा. 

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अभिषेक मल्हन यानी फुकरा इंसान पूरे शो में यही उम्मीद लगाए बैठे कि उनके फॉलोअर्स से शो को फायदा होगा और वही विजेता बनेंगे. लेकिन एल्विश उनसे बड़े इन्फ्लुएंसर निकले और फुकरा इंसान की आखिरी दिन आते-आते बोलती ही बंद कर दी. हालांकि पूरे शो के दौरान फुकरा इंसान ने खूब जी-जान लगाया. लेकिन वह भी फॉलोअर्स और एल्विश की वजह से गेम को अपने हाथ से छोड़ बैठे और कुछ गिने-चुने लोगों पर ही अपने हाथ दिखाते रहे.

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अब एल्विश यादव की बात करें तो वह वाइल्ड कार्ड एंट्री थे. पूरे शो में वह एकदम कॉन्फिडेंट नजर आए कि वह शो जीतने वाले हैं. इसकी एकमात्र वजह उनके फॉलोअर्स थे. इस तरह एल्विश के आते ही अधिकतर घरवालों को एहसास हो गया था कि वही विजेता हैं. यही नहीं, सिर्फ बेबिका और अविनाश को छोड़ दिया जाए तो बाकी कोई भी सदस्य एल्विश यादव से उलझता नजर नहीं आया. इस तरह शो एक तरफा हो गया और एल्विश यादव ने बिना कुछ किए, अपने फॉलोअर्स के दम पर शो को जीत लिया. इस तरह बिग बॉस का यह दूसरा सीजन है जो एकतरफा रहा और जहां विजेता को पता था कि वह अपने फॉलोअर्स के दम पर जीत जाएगा. उसे सिद्धार्थ की तरह दम दिखाने, रुबीना की तरह ओरिजिनेलेटी से आगे जाने या फिर गौतम गुलाटी की तरह स्वैग दिखाने की कोई जरूरत नहीं है. 

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