'अंग्रेजी पांडव' थे पंकज धीर, महाभारत के भीष्म पितामह ने किया खुलासा, कहा- उसने कभी असली महाभारत नहीं पढ़ी

एक्टर पंकज धीर के निधन ने पूरे टीवी और फिल्म इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है. ‘महाभारत’ में कर्ण का रोल निभाने वाले पंकज धीर के जाने से उनके साथ काम करने वाले को-एक्टर्स भी टूट गए हैं.

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महाभारत के कर्ण ने कभी नहीं पढ़ी थी महाभारत
नई दिल्ली:

एक्टर पंकज धीर के निधन ने पूरे टीवी और फिल्म इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है. ‘महाभारत' में कर्ण का रोल निभाने वाले पंकज धीर के जाने से उनके साथ काम करने वाले को-एक्टर्स भी टूट गए हैं. खासतौर पर भीष्म पितामह का किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना ने इस खबर पर गहरी संवेदना जताई है. मुकेश खन्ना ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक इमोशनल वीडियो शेयर करते हुए पंकज धीर से जुड़ी कई पुरानी यादें साझा कीं और एक ऐसा खुलासा किया जिसने सभी को चौंका दिया. उन्होंने बताया कि पंकज धीर ने असली ‘महाभारत' नहीं पढ़ी थी, बल्कि वे ‘मृत्युंजय' नाम की किताब के जरिए किरदार को समझे थे. इसी वजह से मुकेश उन्हें मजाक में ‘अंग्रेजी पांडव' कहकर बुलाते थे.

मुकेश खन्ना ने बताया कि उन्हें पंकज धीर की तबीयत खराब होने की खबर तो थी, लेकिन उनके निधन ने झकझोर दिया. उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें कुछ समय पहले बुलाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने कहा कि अब बाहर नहीं निकल पाता हूं. वे पुनीत इस्सर की बेटी की शादी में भी नहीं आए थे.” उन्होंने बताया कि पंकज धीर का जाना ‘महाभारत' परिवार के लिए बड़ी क्षति है- “पहले गूफी पेंटल (शकुनि मामा) गए, फिर भीम बने प्रवीण कुमार, और अब हमारे कर्ण…पंकज धीर.”

वीडियो में मुकेश खन्ना ने एक दिलचस्प किस्सा साझा किया. उन्होंने बताया कि पहले पंकज धीर अर्जुन का किरदार करने वाले थे, लेकिन बीआर चोपड़ा ने उन्हें कर्ण का रोल ऑफर किया. हालांकि पंकज मूंछें कटवाने को तैयार नहीं थे, जिससे चोपड़ा नाराज़ हो गए और उन्हें सेट से निकाल दिया. बाद में जब उन्होंने अपना लुक बदला तो वही रोल उन्हें वापस मिल गया. मुकेश खन्ना ने कहा, “कर्ण का रोल मेरी फर्स्ट चॉइस थी. पर किस्मत ने मुझे भीष्म पितामह बना दिया. आज 40 साल बाद भी लोग उसी नाम से पहचानते हैं.”

इसके बाद उन्होंने वो खुलासा किया जो शायद बहुत कम लोगों को पता था. मुकेश बोले, “पंकज जी ने मुझसे कहा था कि मैंने असली महाभारत नहीं पढ़ी है. मैंने ‘मृत्युंजय' पढ़ी थी, जो कर्ण के नजरिए से लिखी गई है. इसलिए उन्हें कई सीन मिसिंग लगते थे.” मुकेश ने आगे कहा, “मैंने उनसे कहा था कि वो कर्ण की नजर से महाभारत थी, जबकि असली महाभारत व्यास मुनि की दृष्टि से लिखी गई है. इसलिए फर्क महसूस होता था.”

मुकेश खन्ना ने हंसते हुए बताया, “मैं उन्हें मजाक में ‘कॉन्वेंट पांडव' या ‘अंग्रेजी पांडव' कहता था. कहता था कि तूने महाभारत नहीं पढ़ी, पर अपने स्टाइल में जो किया, वो काबिले तारीफ था. पंकज धीर ने अपने किरदार को जिस गहराई से निभाया, वो आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है.”पंकज धीर ने ‘महाभारत' के अलावा कई फिल्मों और टीवी शोज़ में काम किया, लेकिन कर्ण का रोल उनकी पहचान बन गया. उनके जाने से ‘महाभारत' की वो पीढ़ी एक और मजबूत स्तंभ खो चुकी है.

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